महारे बावली बूचाँ के अड्डे, अर घणे श्याणे? 28

  शब्दों की महिमा  हर शब्द कुछ कहता है। हर शब्द के पीछे कोई कोड है। जैसे?   Late या Early या on time ?   आपने अपने किसी घर के इंसान की फोटो ...

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Tuesday, January 21, 2025

महारे बावली बूचाँ के अड्डे, अर घणे श्याणे? 24

म्हारे एंडी फैंकम-फैंक

महारअ एक बावली बूच सै। इतनी बड़ी-बड़ी फेंके ए जा सै, अक लपेटते-लपेटते हार लिए हाम तो। 

महारअ आले तै तड़क ए तड़क, कितै बाँस आली, अर कितै फूल आली, झाड़ू ले के लाग जा सैं सामरण। 

 ब्रूम ब्रूम ब्रूमिंग (Broom  ing) ?  



हमारे देश के दोगले नेता,
 बड़ी-बड़ी गाड़ियों के काफिलों में चलने वाले? 
बड़े-बड़े घरों में रहने वाले? 
इनके घरों में सफाई कैसे होती होगी?
इन्हीं दिखावे वाली झाड़ुओं से?  

या इन बड़ी-बड़ी गाड़ियों की तरह मशीनें होंगी सफाई के लिए?  
खुद के लिए टेक्नोलॉजी और मशीनों का प्रयोग?
और अपनी जनता को कहते हैं, लो झाड़ू लगाओ? 
कौन सी? बाँस वाली या फूल वाली?

या आम जनता को Fool (मूर्ख) बनाने वाली? 

पीछे कहीं शायद आपने पढ़ा होगा की हर अपडेट, हर किसी के लिए जरुरी नहीं होता। बहुत से अपडेट ज़िंदगी को ना सिर्फ मुश्किल बनाते हैं, बल्की, आपका नुकसान भी करते हैं। आपके आसपास कहीं ज्यादातर नुकसान करने वाले अपडेट तो नहीं हो रहे?
अपडेट करो खुद को वक़्त के अनुसार और देखो, क्या आपके नुकसान का अपडेट है और क्या भले का? वो आपके ये नेता नहीं बताते। वो आपको खुद देखना पड़ेगा। जानते हैं, ऐसे कुछ अपडेट के बारे में आगे। 

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