महारे बावली बूचाँ के अड्डे, अर घणे श्याणे? 28

  शब्दों की महिमा  हर शब्द कुछ कहता है। हर शब्द के पीछे कोई कोड है। जैसे?   Late या Early या on time ?   आपने अपने किसी घर के इंसान की फोटो ...

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Tuesday, December 31, 2024

महारे बावली बूचाँ के अड्डे, अर घणे श्याणे? 21

मुझे तो यही समझ नहीं आता की दुनियाँ भर के नेता जुए के ill effects को ignore कर, कैसे ऐसे-ऐसे मुद्दे सुलझा सकते हैं? जुआ अपने आप में बहुत बड़ी बीमारी है और कितनी ही समस्यायों की जड़ भी।  


अब ये अरविंद केजरीवाल की फोटो ही लो 


और ये सौरभ भरद्वाज क्या कह रहा है?
ऐसे ही कितने ही नेताओं की फोटो या उनके प्रवचन कुछ और ही कहते नज़र आएँगे। एक बार ध्यान से देखो तो उन्हें, की उनके सोशल मीडिया पेज क्या कुछ दिखाते हैं?
   


और ये

ये तो too much जैसे नहीं हो गया? 

इलेक्शंस की हार-जीत ही नहीं, मौतें तक कुछ कहती हैं? नहीं शायद बहुत कुछ कहती हैं?  

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